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गझलेतील काही शब्दांचे अर्थ गझलेनंतर खाली दिलेले आहेत.


दर्दे-दिल फ़िर बढ रहा है, जामे-उल्फ़त दे मुझे
प्यास दो दिन की नही यह, ताकयामत दे मुझे

कौन कहता है दवा इस मर्ज़ की कोई नही
इक झलक मुखडा दिखा जा और राहत दे मुझे

सुर्ख होटों की सुराही मैकशों की जुस्तजू
सिर्फ़ दो बुंदें चुरा लूँ गर इजाज़त दे मुझे

जाम भी है और साकी भी नज़र के सामने
मैकदे तक जा न पाऊँ यह सज़ा मत दे मुझे

या जलाकर शम्म उल्फ़त की मुझे पुरनूर कर
या शिकस्ता-इश्क़-मजनू की शहादत दे मुझे

यूँ परायीसी नज़रसे देखना अच्छा नही
या निगाहोंमें मुहब्बत या अदावत दे मुझे

छेड ले जी-भर मुझे तू पर ज़रा यह सोच ले
रब किसी दिन भूलकर तुझसी न फ़ितरत दे मुझे


छेड ले जी-भर मुझे तू पर ज़रा यह सोच ले
देख तेरी दिल्लगीको कौन इज़्ज़त दे मुझे ?

कुलमिलाकर प्यार की दो-चार घडियाँही मिली
वस्ल की शबभी सबरकी ना हिदायत दे मुझे

मैं नज़रसे पी रहा हूँ शोखियाँ जब हुस्नकी
एक कतराभी न छलके यह निआमत दे मुझे

बुतपरस्ती की बुराई खूब तू कर ले मगर
देख ले वाइज़ उसे तू, फ़िर नसीहत दे मुझे


  1. जामे-उल्फ़त : जाम=पेला, उल्फ़त=प्रेम
  2. ताकयामत : ता=पर्यंत, कयामत=प्रलय येऊन सृष्टीचा अंत होण्याचा व ईश्वरी निर्णयाचा दिवस
  3. मर्ज़ : रोग, आजार
  4. राहत : आराम
  5. मैकश : मै=मद्य, मैकश=मद्यपी
  6. जुस्तजू : शोध, हुडकून काढण्याची धडपड
  7. पुरनूर : प्रकाशमय, तेजोमय
  8. शिकस्ता-इश्क : शिकस्ता=पराभूत, शिकस्ता-इश्क=प्रेमात पराभूत झालेला, प्रेमभंग झालेला
  9. शहादत : हौतात्म्य, बलिदान
  10. अदावत : वैर, शत्रुत्व
  11. फ़ितरत : स्वभाव
  12. वस्ल : मीलन
  13. हिदायत : सूचना, शिकवण
  14. शोखियाँ : नटवेपणा, नखरे
  15. हुस्न : सौंदर्य
  16. कतरा : थेंब
  17. निआमत : कृपालाभ, कृपाशीर्वाद, blessing
  18. बुतपरस्ती : मूर्तीपूजन
  19. वाइज़ : धर्मोपदेशक
  20. नसीहत : उपदेश

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